सम्मेद शिखर जी को तीर्थस्थल के रूप में ही विकसित करने की मांग
रांची: पावन व पवित्र तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा के विरोध में जैन समाज के लोगों ने मंगलवार सुबह रांची के अपर बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर से राजभवन तक मौन पदयात्रा निकाली। मौन पदयात्रा मेन रोड, शहीद चौक, कचहरी चौक होते हुए राजभवन पहुंची।
इस पदयात्रा में जैन समाज, मारवाड़ी समाज एवं अन्य संगठनों के बड़ी संख्या में पुरुषों एवं महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने अपने हाथों में नारे लिखी तख्तियां एवं झंडे ले रखे थे।
इसके पश्चात जैन समाज एवं झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से राज्यपाल रमेश बैस को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि जैन धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने से दुनिया भर में स्थित जैन समाज आहत है।
जैन समाज ने ज्ञापन में राज्यपाल से कहा कि आप भली-भांति अवगत होंगे कि विश्व प्रसिद्ध श्री सम्मेद शिखरजी जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है। जैन समाज के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने इस पर्वत पर तपस्या की और मोक्ष प्राप्त किया है।
जैन समाज के लिए यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का तीर्थ स्थल है। इसे पर्यटन स्थल बनाने इसकी पवित्रता भंग होगी। उस क्षेत्र में मांसाहार और शराब सेवन जैसी अनैतिक गतिविधियां प्रारंभ होने की संभावना होगी। इससे अहिंसक जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
जैन समाज ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने से जैन समाज में निराशा का माहौल है, इसलिए जैन धर्मावलंबियों की वास्तविक मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने पर रोक लगाई जाए।
जैन समाज ने मांग की है कि इस पवित्र तीर्थस्थल को धार्मिक तीर्थस्थल घोषित किया जाए, जिससे दुनिया भर के जैन समाज के लोगों को सकारात्मक संदेश जाएगा। जैन समाज ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते वे राज्य सरकार को इस दिशा में उचित दिशा निर्देश दें और अल्पसंख्यक जैन समाज पर कृपा करें।
इस मौन पदयात्रा कार्यक्रम में झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल, श्री दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष पदम कुमार छाबड़ा, सुभाष विनायक्या, धर्मचंद जैन 'रारा', अरुण बुधिया, मनोज बजाज, संजय सर्राफ, राहुल मारू, पवन शर्मा, अशोक पुरोहित, प्रमोद सारस्वत, प्रदीप बाकलीवाल, संजय पाटनी, प्रमोद झांझरी, सुनील सेठी, शिव शंकर साबू, सुभाष जैन, पंकज पांड्या, कैलाशचंद्र, संजय छाबड़ा, मनोज काला, अजीत कुमार, अजय गंगवाल, संदीप जैन, पदमचंद गोधा, हेमंत सेठी, के अलावे सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष उपस्थित थे।
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