वैश्य मोर्चा ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों एवं विधायकों को सौंपा मांग-पत्र, वैश्य समाज की विभूतियों की प्रतिमा विधानसभा परिसर में लगाने की मांग
अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में वैश्य समाज के योगदान को पहचान दिलाने के लिए कसी कमर
रांची: झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की ओर से प्रदेश के राज्यपाल रमेश बैस, विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, आजसू विधायक दल के नेता सुदेश महतो और भाजपा विधायक दल के सचेतक विरंची नारायण को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 3 सूत्री मांग-पत्र सौंपा गया। इस मांग-पत्र में अन्य मांगों के साथ ही झारखंड विधानसभा परिसर में झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में अहम योगदान देने वाले पूर्व मंत्री स्व. पूरनचंद, डॉ. वीपी केसरी एवं शहीद मणीन्द्रनाथ मंडल की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग भी की गई है।
मांग-पत्र में कहा गया है कि अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में वैश्य समाज के लोगों का भरपूर योगदान रहा है। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए कई लोग शहीद हुए और हजारों लोग जेल भी गए, अनेकों लोगों को पुलिसिया जुल्म का शिकार होना पड़ा और कई लोग तो आज भी केस का सामना कर रहे हैं।
मांग-पत्र के अनुसार अनेक लोगों ने आर्थिक रूप से सहायता करके भी अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को आगे बढ़ाने का काम किया। लेकिन इनके संघर्ष और कुर्बानियों को दरकिनार करने का प्रयास किया गया है, जो सरासर अन्याय है। ऐसे लोगों की पहचान करना और उन्हें सम्मान दिलाना आवश्यक है।
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने मांग की है कि वैश्य झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान दिलाने के लिए नए सिरे से सर्वेक्षण कराकर वैश्य आंदोलनकारियों की सूची बनाई जाए और उनके हितों की रक्षा एवं समस्याओं के निराकरण के लिए वैश्य आयोग का गठन किया जाए।
मांग-पत्र देने वालों में झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू, झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं सेमिनार के संयोजक योगेंद्र प्रसाद, झारखंड आंदोलनकारी हीरानाथ साहू और अश्वनी कुमार साहू शामिल थे।
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