झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना, लंबा चल सकता है निगम के खिलाफ यूनियन का आंदोलन
आरोप - झारखंड ऊर्जा विकास निगम ने समझौते को किया दरकिनार
रांची: झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के साथ हुए 12 सूत्री समझौते का लगातार उल्लंघन किया है और उनका क्रियान्वयन नहीं किया है। निगम को विद्युत कर्मियों के साथ हुए समझौते में निर्धारित बिंदुओं को अविलंब लागू करना होगा, अन्यथा ऑल इंडिया फेडरेशन इस मामले में दखल देने के लिए विवश हो जाएगा। झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के मुख्यालय पर 9 नवंबर (बुधवार) से शुरू हुए धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रमुख अध्यक्ष सह अखिल भारतीय विद्युत कामगार महासंघ के पूर्वी जोन एवं पूर्वोत्तर जोन के सचिव बैजनाथ प्रसाद सिंह ने उपरोक्त बातें कहीं।
बता दें कि झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड पर 12 सूत्री समझौते में निर्धारित बिंदुओं का क्रियान्वयन न करने का आरोप लगाते हुए 9 नवंबर (बुधवार) से झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना देना शुरू कर दिया है। धरने के प्रथम दिन झारखंड के विभिन्न जिलों से लगभग 300 विद्युत कामगार धरने में शामिल होने पहुंचे।
यूनियन की मांगों में आंतरिक नियुक्ति विज्ञापन संख्या 5/2016 में सफल अभ्यर्थियों को चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में नियुक्त करना, डेजिग्नेशन मैपिंग में हुई त्रुटियों में आवश्यक सुधार करना, सभी यूनियन पदाधिकारियों का पूर्व पदस्थापित स्थान पर स्थानांतरण करना, मानव दिवस कर्मियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों एवं ऊर्जा मित्रों की निगम की सेवा में नियमित नियुक्ति करना, अनुबंध कर्मियों की सेवा नियमित करना, झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड एवं अनुषंगी कंपनियों से आउटसोर्सिंग की समाप्ति एवं सभी रिक्त पदों पर स्थाई नियुक्ति करना, विभागीय परीक्षा अविलंब कराना, वर्ष 2004 से नियुक्त कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करना, 6 प्रतिशत विशेष ऊर्जा भत्ता लागू करना, राज्य कर्मियों एवं बिजली कर्मियों का वेतन समान करना आदि प्रमुख हैं।
धरने की शुरुआत अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी के साथ हुई। इस मौके पर आयोजित आम सभा की अध्यक्षता झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने की।
धरने का उद्घाटन करते हुए यूनियन के प्रमुख अध्यक्ष सह अखिल भारतीय विद्युत कामगार महासंघ के पूर्वी जोन एवं पूर्वोत्तर जोन के सचिव बैजनाथ प्रसाद सिंह ने कहा कि यह यूनियन अखंड बिहार के समय से ही चुनाव में विजई और मान्यता प्राप्त यूनियन है। साथ ही यह एटक एवं एफी से भी संबद्ध है। इसलिए प्रबंधन को चाहिए कि वह इस यूनियन को हल्के में न ले और विद्युत कर्मियों के साथ हुए समझौते में निर्धारित बिंदुओं को अविलंब लागू करे, अन्यथा ऑल इंडिया फेडरेशन इस मामले में दखल देने के लिए विवश हो जाएगा।
उन्होंने मजदूरों से अपने हक और अधिकार की लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि ऑल इंडिया फेडरेशन उनके साथ है। मजदूरों को डरने और घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनकी मांगें जायज हैं और समझौते में शामिल हैं।
आम सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामायण तिवारी ने कहा कि प्रबंधन के साथ एक या दो बार नहीं, बल्कि कई-कई बार समझाते हुए हैं। फिर भी निगम प्रबंधन ने हर बार समझौते का उल्लंघन किया और उनके क्रियान्वयन से पीछे हटता रहा। यूनियन ने धैर्य का परिचय देते हुए हर बार प्रबंधन के अनुरोध को स्वीकार किया और निगम के हित में संघर्ष के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया।
उन्होंने कहा कि अब यूनियन और विद्युत कामगारों के धैर्य का बांध टूट गया है और निगम प्रबंधन द्वारा समझौते तथा यूनियन की मांगों की पूर्ति न किए जाने के कारण यूनियन को विवश होकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लेना पड़ा है। यह अनिश्चितकालीन धरना कितना लंबा चलेगा यह पूरी तरह से निगम प्रबंधन के हाथों में है। निगम प्रबंधन यूनियन और विद्युत कामगारों की मांगों को जितना जल्दी मानेगा, हमारा आंदोलन उतनी जल्दी समाप्त होगा।
Comments
Post a Comment