फिर से आंदोलन की राह पर चल सकता है झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा, वैश्य झारखंड आंदोलनकारियों को पहचान दिलाने के लिए कसी कमर
वैश्य मोर्चा के सेमिनार में पारित प्रस्तावों की हुई समीक्षा, मंत्रियों एवं विधायकों को दिया जाएगा मांग-पत्र
रांची: वैश्य झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान दिलाने के लिए राज्य में नए सिरे से सर्वेक्षण कराकर वैश्य आंदोलनकारियों की सूची बनाई जानी चाहिए। साथ ही उनके हितों की रक्षा और समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार को यथाशीघ्र कदम उठाना चाहिए, अन्यथा झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा एक बार फिर से आंदोलन करने को विवश हो जाएगा।
इस संबंध में झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की ओर से 9 नवंबर (बुधवार) को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, आजसू विधायक दल के नेता सुदेश महतो तथा भाजपा विधायक दल के सचेतक विरंची नारायण को एक मांग-पत्र सौंपा जाएगा। यह मांग-पत्र विगत 6 नवंबर (रविवार) को आयोजित मोर्चा के सेमिनार के दौरान पारित किए गए तीन प्रस्तावों पर आधारित होगा।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू ने बताया कि रांची के हरमू में स्थित उच्च न्यायालय के अधिवक्ता योगेंद्र प्रसाद के कार्यालय में आयोजित मोर्चा की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में उपरोक्त निर्णय लिए गए।
उन्होंने बताया कि बैठक में सेमिनार के दौरान पारित किए गए प्रस्तावों की गहन समीक्षा की गई। साथ ही अगले वर्ष जनवरी माह के आखिर में रांची में ही वैश्य झारखंड आंदोलनकारियों के महाजुटान का कार्यक्रम आयोजित करने संबंधी निर्णय भी लिया गया।
महेश्वर साहू ने बताया कि बैठक के दौरान वैश्य झारखंड आंदोलनकारियों की जीवनी को प्रकाशित करने के लिए एक वृहत ग्रंथ (पुस्तक) के प्रकाशन का निर्णय भी लिया गया। इस प्रस्ताव को सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया।
बैठक की अध्यक्षता झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू ने की। इस बैठक में सेमिनार के संयोजक योगेंद्र प्रसाद, हीरानाथ साहू तथा अश्विनी कुमार साहू भी उपस्थित रहे।
Comments
Post a Comment