'29 महीने में हत्या की 4425, दुष्कर्म के 4079 और लूट डकैती की 1955 घटनाएं हुईं'
रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि तमाम आंकड़े बताते हैं राज्य में विधि व्यवस्था बेकाबू हो गई है। लोगों का विश्वास खत्म हो गया है। यह हालत तब है जब गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संभाल रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि कानून व्यवस्था बहाल करना सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। इस राज्य में संगठित और असंगठित अपराध दोनों बढ़े हैं।
श्री महतो ने कहा कि पुलिस फाइलों के मुताबिक इस साल के मई महीने तक यानी 5 महीने में हत्या की 705 और बलात्कार की 666 घटनाएं हुई हैं। जबकि अपहरण के 694, डकैती के 44 और लूट-छिनतई के 270 मामले दर्ज किए गए हैं। इन 5 महीने में पूरे राज्य में 25765 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए हैं।
नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म, हत्या और प्रताड़ना की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। कई घटनाओं को लेकर पूरे राज्य में उबाल है और लोगों का कानून व्यवस्था से विश्वास उठ गया है। कई मामले की नजाकत को देखते हुए उच्च न्यायालय ने गंभीर टिप्पणी की है। जबकि राजभवन ने भी चिंता जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2021 की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि देशभर में सबसे ज्यादा दंगे झारखंड में हुए। कुल 387 में से 100 दंगे अकेले झारखंड में हुए हैं। यह रिपोर्ट अमन-चैन समरसता को लेकर राज्य की चिंता बढ़ाती है। सिर्फ एक साल 2021 में झारखंड में कुल 50 हजार 382 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए हैं।
आजसू नेता ने कहा कि पिछले 29 महीनों (2020 से 2022 के मई तक) तक राज्य में दुष्कर्म की 4079 घटनाएं हुई है। जबकि 4425 हत्याएं हुईं।
उन्होंने कहा कि शासन का इकबाल जब नियंत्रण में नहीं रहता है, तो कानून व्यवस्था भी बेपटरी हो जाती है। और अपराधियों, बदमाशों में खौफ खत्म हो जाता है।
इसकी बानगी है कि धनबाद में मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला सत्र न्यायाधीश की हत्या कर दी जाती है। हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले में सीबीआई जांच बैठाई गई है। दुमका में घर में सोयी हुई स्कूली बच्ची पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला देना चतरा में एक बच्ची पर एसिड अटैक की घटनाएं से लोग हैरान परेशान हैं।
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