आदिवासी समाज शुरू से ही प्रकृति का संरक्षण करता आया है: विद्यापति समारक समिति
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कचहरी चौक पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
रांची: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कचहरी चौक स्थित केंद्रीय सरना समिति एवं आदिवासी विकास परिषद के सदस्यों ने विद्यापति स्मारक समिति के साथ मिलकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया और आदिवासी समुदाय को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इस मौके पर विद्यापति स्मारक समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकीं श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनाए जाने पर उन्हें भी शुभकामनाएं दीं।
अपने संबोधन में लेखानंद झा ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि जीवन के संघर्षों के दौरान बिना डरे आगे बढ़ने का हौसला रखा जाए, तो कोई भी कार्य कठिन नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी को श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस मौके पर विद्यापति स्मारक समिति के संयुक्त सचिव जयंत झा ने केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की और आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा को सखुआ के पत्ते से बनी टोपी पहनाकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोगों को भी सखुआ के पत्ते से बनी हुई टोपी पहना कर सभी का स्वागत किया गया।
उन्होंने अपनी ओर से आदिवासी समुदाय को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह समाज शुरू से ही प्रकृति का संरक्षण करता आया है और समाज के हर वर्ग को आदिवासी समाज से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर विद्यापति स्मारक समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा, महासचिव उदित नारायण ठाकुर, संयुक्त सचिव जयंत झा, ज्ञानदेव झा, संजीव मिश्रा, श्याम किशोर चौबे, अशोक मिश्रा, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, विमल कच्छप, भानु कच्छप, बाना मुंडा, जयराम किस्पोट्टा, बजरंग महतो, सुखदेव उरांव सहित कई लोग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के समापन के पश्चात सभी लोग जुलूस की शक्ल में मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए।
(स्रोत: वीएनएन - भारत)
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