भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हेमंत सरकार तत्काल दे इस्तीफा: बाबूलाल मरांडी

'जनता से जुड़े मुद्दों पर उत्तर देने के बजाय मुंह छिपा रही है सरकार'

पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा

रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूब चुकी है और जनता के सवालों से भाग रही है। यही कारण है कि सरकार ने सदन को समय से पहले ही स्थगित कर दिया। यह सरकार केवल विपक्ष के ही नहीं, बल्कि सत्तापक्ष के विधायकों के प्रश्नों का उत्तर भी नहीं दे पा रही है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा किया। परंतु यह सरकार जनता के प्रश्नों से पूरी तरह डर चुकी है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक सदन में भ्रष्टाचार, अकाल, सुखाड़, युवाओं के रोजगार, विधि-व्यवस्था, दरोगा की हत्या, गौ तस्करी, तुष्टीकरण, शिक्षा के इस्लामीकरण, उर्दू विद्यालय के नाम पर तुष्टीकरण, खनिज संसाधनों की लूट, बालू की लूट आदि जैसे जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर सरकार से उत्तर पाना चाहते थे। परंतु सरकार इन मुद्दों का सामना करने के बजाय भागती रही।

बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि भाजपा के 4 विधायकों को सदन से असंवैधानिक तरीके से निलंबित किया गया, जबकि उनमें से कोई भी विधायक सदन में उपस्थित नहीं था। हद तो तब हो गई, जब विधानसभा अध्यक्ष ने पहले सदन को कुछ समय के लिए स्थगित किया और बाद में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाए बिना ही मनमाने तरीके से अचानक सदन को एक दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार के संसदीय कार्य मंत्री को बताना चाहिए था कि अब सरकार के पास कोई काम नहीं बचा। जबकि सदन के कई विधायी कार्य अभी भी इस सत्र अवधि के लिए लंबित पड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि जिस बात का हवाला देकर अध्यक्ष ने सत्र को स्थगित किया, वह भी लोकतांत्रिक प्रणाली में हास्यास्पद है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी जनता के प्रश्नों पर सदन में हंगामा होता रहा है। जनसमस्याओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करना विपक्ष का दायित्व है। परंतु जिस प्रकार अलोकतांत्रिक तरीके से सदन को स्थगित किया गया, उससे स्पष्ट है कि यह सरकार केवल निरुत्तर ही नहीं, अपितु भयभीत भी है।

बाबूलाल मरांडी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि जेल में हैं, प्रेस सलाहकार ईडी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं और इससे पूर्व भ्रष्टाचार के मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जेल में बंद हैं। परंतु मुख्यमंत्री मुंह नहीं खोल रहे। भ्रष्टाचार की कहानी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री उत्तर देने से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अब इस्तीफा देने में देर नहीं करनी चाहिए।

इस पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा के विधायक एवं मुख्य सचेतक विरंची नारायण, अनंत ओझा, जेपी पटेल, रणधीर सिंह, नीरा यादव, राज सिन्हा, मनीष जायसवाल, केदार हाजरा तथा पार्टी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी भी उपस्थित थे।

(स्रोत: वीएनएन - भारत)

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