पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की विवादित टिप्पणी पर संजय सेठ का पलटवार
रस्सी जल गई, लेकिन ऐंठन नहीं गई: संजय सेठ
रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां सुबोधकांत सहाय के बयान से खुद उनकी पार्टी कांग्रेस ने किनारा कर लिया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं को कांग्रेस के ऊपर तीखा हमला करने का अवसर मिल गया है।
रांची से भाजपा के लोकसभा सांसद संजय सेठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस का दिवालियापन कहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए देश को बेचना और सत्ता से बाहर होने के बाद देश को जलाना ही कांग्रेस का काम है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी योजना का विरोध किया जा सकता है, व्यक्ति का विरोध किया जा सकता है, सरकार का विरोध किया जा सकता है क्योंकि यह लोकतंत्र के अंतर्गत मिलने वाला अधिकार है। परंतु योजनाओं का विरोध करते-करते, विरोध के नाम पर देश को जलाने का काम नहीं किया जाना चाहिए, परंतु यही कांग्रेस का चरित्र है।
संजय सेठ ने कहा कि जनता को उकसाकर देश को जलाना कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है। सत्ता से बाहर रहने का मतलब यह नहीं है कि आप देश को ही जलाने लगें, प्रधानमंत्री की मौत का कामना करें और ओछी बात करने लग जाएं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का असली चरित्र सबके सामने आ चुका है। सत्ता खो चुकी कांग्रेस अब अपना मानसिक संतुलन भी खो चुकी है। यही कारण है कि इसके नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय द्वारा प्रधानमंत्री के लिए दिया गया बयान उनके मानसिक दिवालियापन की निशानी है।
सांसद संजय सेठ ने कहा कि नरेंद्र मोदी को इस देश की जनता ने प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। वे किसी कांग्रेसी राजमाता के आशीर्वाद से प्रधानमंत्री नहीं बने हैं। इस देश की करोड़ों जनता की शुभकामनाएं और आशीर्वाद प्रधानमंत्री के साथ हैं। उनके विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करना कहीं से भी उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए देश को बेचना और सत्ता से बाहर रहकर देश को जलाना ही कांग्रेस का असली चरित्र रहा है। उन्होंने कहा कि रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गई। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को ध्यान दिलाया कि यह भारत की जनता है, जो सबकुछ याद रखती है।
(स्रोत: वीएनएन - भारत)
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