आज झारखंड में एक और बिरसा उलगुलान की आवश्यकता: प्रेम शाही मुंडा

'नेताओं, नौकरशाहों और माफिया तत्वों ने झारखंड को लूट खंड बना दिया'

कोकर समाधि स्थल पर भगवान बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि

रांची: आदिवासी जन परिषद के तत्वाधान कोकर समाधि स्थल भगवान बिरसा मुंडा की शहादत दिवस के अवसर पर कोकर समाधि स्थल पर आदिवासी जन परिषद के प्रतिनिधिमंडलों के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि ऐसे समय में भगवान बिरसा मुंडा का शहादत दिवस मनायाजा रहा है, जब झारखंड संक्रमण की स्थिति में आ गया है।

उन्होंने कहा कि झारखंड के नेताओं, नौकरशाहों और माफिया तत्वों ने झारखंड को जिस प्रकार लूट खंड में बदल दिया है, उसे देखते हुए आज शहादत दिवस मनाने में शर्मिंदगी महसूस हो रही है। यदि इसे लूट खंड नहीं बनाया गया होता, तो आज झारखंड शिखर पर होता।

उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने स्वाधीनता संग्राम के जन आंदोलन के समय जमीन और धर्म की लड़ाई लड़ी थी और आज देखते हैं कि आज बिरसा मुंडा का सपना, अबुआ दिसुम, अबुआ राज का सपना आज भी अधूरा है। आज सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर पहनई, खूंटकट्टी, जरपेसगी, डाली कतरी की जमीन पर व्यापक लूट हो रही है। इन्हें नेताओं, नौकरशाह माफियाओं, जमीन दलालों के गठजोड़ से पुरजोर तरीके से लूटा जा रहा है।

प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि यह सब देखकर भगवान बिरसा मुंडा की आत्मा रोती होगी। आज के दिन में भगवान बिरसा मुंडा की तर्ज पर एक और बिरसा उलगुलान आंदोलन की आवश्यकता है। इसमें नेता ही नहीं, बल्कि जनता को आगे आना होगा। झारखंड के 21 वर्ष होने के बावजूद बुनियादी सवाल आज भी कायम है। आदिवासियों और मूलवासियों के हित में झारखंड के नौजवानों की स्थानीय नीति नहीं बनना, शिक्षा में सुधार नहीं होना, कृषि, खान, स्वास्थ्य में व्यापक लूट होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी जन परिषद मांग करता है कि अविलंब झारखंड को बचाने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था बनाई जाए। इसके लिए राज्य के सभी मंत्री, नौकरशाहों और माफिआओं की संपत्ति की जांच सीबीआई से करवाई जाए, ताकि आने वाले पीढ़ी के लिए बिरसा मुंडा के नीति ओर सिद्धांतों के आधार पर  झारखंड बन सके।

प्रधान महासचिव अभय भुट कुवर ने कहा कि झारखंड को पीछे धकेलने में राज्य की शासन व्यवस्था में शासन करने वाले नेता सबसे बड़े दोषी हैं। झारखंड जिस उद्देश्य से बना था, आज वह उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया। नौजवानों को झारखंड को बढ़ाने के लिए संगठन बनाकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए एक और उलगुलान के लिए तैयार रहना होगा।

इस कार्यक्रम में प्रधान महासचिव अभय भुट कुंवर, उपाध्यक्ष क्रिस्टो कुजूर, उमेश लोहरा, सेलिना लकड़ा (उपाध्यक्ष महिला मोर्चा), प्रदीप खलखो, सुषमा हेंब्रोम, कलारा मिंज, सुषमा टोप्पो, सुप्रिया कच्छप, सुचिता केरकेट्टा, परमेश्वर सिंह मुंडा, चंद्रशेखर सिंह मुंडा, पूनम तिर्की आदि शामिल थे।

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