निर्वाचन पदाधिकारी को पेन ड्राइव के साथ सबूत सौंपकर कार्रवाई की मांग
रैली का खर्च भाजपा प्रत्याशी के खाते में किया जा शामिल: झामुमो-कांग्रेस
रांची: झारखंड की सत्ता के साथी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के ऊपर बड़ा हमला बोला है। भाजपा की ओर से रांची में आयोजित की गई भगवान बिरसा मुंडा विश्वास रैली को लेकर झामुमो और कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की कोशिश की है और निर्वाचन आयोग में जाकर भाजपा की शिकायत भी की है। मांडर विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर दोनों पार्टियों ने भाजपा के ऊपर आचार-संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के पास शिकायत दर्ज करने के बाद झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो रैली की, वह पूरी तरह से चुनावी रैली थी। लेकिन एक प्रक्रिया के तहत चुनावी रैली के लिए अनुमति ली जाती है।
उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारी के अनुसार उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई है। यह सीधे-सीधे चुनाव आचार-संहिता का उल्लंघन है और इस मामले में केस दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रैली में प्रत्याशी का नाम भी लिया गया और उनको वोट देने की अपील भी की गई, इसलिए इस रैली का पूरा खर्च प्रत्याशी के खाते में दर्ज किया जाना चाहिए।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मांडर विधानसभा का उपचुनाव की तैयारी और नामांकन की प्रक्रिया जारी है। इसी बीच आदिवासी समुदाय को केंद्र में रखकर एक बड़ी रैली का आयोजन रांची के मोरहाबादी मैदान में होता है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मंच से उम्मीदवार का नाम लेकर कार्यकर्ताओं से अपील की जाती है कि कमल खिलेगा कि नहीं, यह विश्वास दिलाइए। यह अपने आप में आदर्श आचार-संहिता के उल्लंघन का मामला है।
उन्होंने कहा कि जब हमने निर्वाचन अधिकारी से यह पूछा कि इस कार्यक्रम की अनुमति ली गई थी कि नहीं, तो उन्होंने सिरे से नकार दिया और कहा कि इसकी अनुमति नहीं ली गई है। इस बात को लेकर झामुमो और कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है।
राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि उन्होंने भाजपा द्वारा आयोजित इस रैली का पूरा खर्च मांडर उपचुनाव के लिए घोषित भाजपा प्रत्याशी के खाते में दर्ज करवाने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने करोड़ों रुपए खर्च करके इस रैली के माध्यम से आदिवासी समाज का विश्वास हासिल करने का प्रयास किया था, परंतु भाजपा इसमें विफल रही है।
सत्ताधारी दलों के इस प्रतिनिधिमंडल में झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य और कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, सतीश पॉल मुंजनी, कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष संजय लाल पासवान, कार्यालय प्रभारी अमूल्य नीरज खलखो एवं इश्वर आनंद शामिल थे।
(स्रोत: विशेष न्यूज नेटवर्क - भारत)
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