मंत्री हो या संतरी, किसी को नहीं मिलेगी लूट की छूट: धर्मेंद्र तिवारी
भाजमो के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने लगाए गंभीर आरोप
रांची: भारतीय जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के मंत्री के इशारे पर उनके विभाग के कनीय अधिकारी ने डोरण्डा थाने में सोमवार की रात में चुपके से सरयू राय के ऊपर ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त प्राथमिकी में कुल पाँच धाराएँ लगाई गई है, जिसमें धारा 420 भी शामिल है, जो धोखाधड़ी केस में प्रयुक्त होता है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद हास्यास्पद है कि जो व्यक्ति राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं और राज्य के जनता से खून-पसीने के गाढ़ी कमाई के रूप में कर के रूप में एकत्रित पैसे को कोरोना प्रोत्साहन के नाम पर अपने चहेतों में बाँटा है, जनता से धोखाधड़ी किया है, वही व्यक्ति इस कांड को उजागर करने वाले सरयू राय के विरुद्ध चार सौ बीसी का केस करवा रहा है। यानि की एक तो चोरी, उल्टे सीनाजोरी। इस तरह की हरकत करने की केवल एक ही मंशा है कि कोरोना प्रोत्साहन घोटाले से राज्य की जनता का ध्यान हटाया जाए और इस मामले को रफा-दफा किया जाए।
धर्मेन्द्र तिवारी ने बताया कि मुद्दा यह नहीं है कि ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन हुआ है कि नहीं, बल्कि वास्तविक मुद्दा यह है कि सरयू राय ने मंत्री और विभाग के उपर जो आरोप लगाए है, वे सही हैं कि नहीं। उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज और सबूत प्रमाणिक हैं कि नहीं। यदि वे आरोप गलत हैं, सारे सरकारी सबूत झूठे हैं, तो माननीय मंत्री जी का दावा और विभाग द्वारा लिया गया एक्शन सही जान पड़ता है। परंतु इसकी कोई संभावना ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने प्राथमिकी दर्ज करवाकर स्वयं ही साबित कर दिया है कि सरयू राय के द्वारा राज्य की जनता और मुख्यमंत्री को मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराए गए सारे सबूत प्रमाणिक हैं, वैध हैं, भ्रष्ट आचरण करने की हामी है। इसलिए नैतिकता के आधार पर और स्वास्थ्य मंत्री की आँखों में राज्य के वास्तविक कोरोना प्रोत्साहन लाभार्थियों के लिए कोई संवेदना है, तो उन्हें अपने पद से तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि सरयू राय ने इस पूरे प्रकरण में व्हिसल ब्लोअर का काम किया है। स्वास्थ्य विभाग और उसके मंत्री के कारगुजारियों को जनता के सामने उजागर किया है। लेकिन उन्हीं पर केस कर उन्हें डराने, उनका मनोबल तोड़ने, भ्रष्ट तंत्रों के खिलाफ लड़ने से रोकने का दुःसाहस कर रहा है। यदि उन्हें लगता है कि उनके इस बचकानी हरकत से सरयू राय डर जाएंगे, वे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अपने कदम पीछे खींच लेंगे, तो यह उनकी भूल है, नादानी है। इस तरह की धमकी, प्राथमिकी से सरयू राय का संबल और मजबूत होता है। हमारे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शायद जगरनाथ मिश्रा, लालू यादव, मधु कोड़ा प्रकरण को भूल गए हैं, इसलिए वे ऐसी हिमाकत कर रहे हैं।
भाजमो अध्यक्ष ने बताया कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता पूरे राज्य में घर-घर जाकर यह सर्वे कर रही है कि किन-किन घरों में कोरोना से मृत्यु हुई है और उनको कोरोना महामारी के तहत मुआवजा मिला है या नहीं। जो कोरोना प्रोत्साहन राशि के वास्तविक हकदार थे, जो कोरोना काल में फ्रंटलाइन कोरोना वोलेंटियर्स/वॉरियर्स थे, उन्हें इसका लाभ मिला है कि नहीं। स्वास्थ्य मंत्री यह भूल रहे हैं कि यदि जिनके परिवार के सदस्य की कोरोना के कारण मृत्यु हुई और उन्हें मुआवजा नहीं मिला अथवा जो इसके वास्तविक हकदार है, उन्हें उनका हक नहीं मिला, तो उनके परिवार के तरफ से भी तो स्वास्थ्य मंत्री के उपर धोखाधड़ी का और चार सौ बीसी का केस बनता है।
उन्होंने कहा कि सरयू राय के रहते राज्य के जनता के पैसे पर किसी को लूट की छूट नहीं मिलेगी, चाहे वो मंत्री हो या संतरी हो। भारतीय जनतंत्र मोर्चा ऐसे भ्रष्टाचारियों पर कड़ी नजर रखेगी, उनके भ्रष्ट कारनामों पर कड़ा कानूनी प्रहार करती रहेगी। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता किसी भी अनैतिक कार्य करने वाले से डरनेवाले नहीं हैं, चाहे वो कितने ही बड़े पद पर हो या कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो। वे गलत करेंगे, तो कानून का कोड़ा चलेगा, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अब झारखंड को ‘लूटखंड’ में तब्दील नहीं होने दिया जाएगा।
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