केंद्रीय सरना समिति सरना धर्मावलंबियों के साथ: अजय तिर्की
केंद्रीय सरना स्थल का बताया महत्व
रांची: पिछले 28 अप्रैल से 5 अप्रैल तक सरना उपवास में रहे 17 धरम भाई-बहनों का उपवास संपन्न हो गया। उपासकों को 21 मौजाओं एवं गांवों से आए सरना धर्मावलंबियों ने सरना स्थल में पूजा-अर्चना और भजन कर उपासना पूरी की और फल, जूस के साथ ही अन्न एवं भोजन लेकर उपवास खोला।
उपासकों में अनिता हंस (पाहनाईन, सिरोमटोली), सोनू तिर्की (बड़ा घाघरा), मोसू भुटकुमार (मुण्डा गढ़ा, सामलौंग), सुमन तिग्गा (बड़ा घाघरा), प्रीति कुजूर (तुम्बागुटू, करमटोली, नामकुम), अनिता कच्छप (बड़ा घाघरा), तराना टोप्पो (बड़ा घाघरा), निम्मा गाड़ी (दुघरवा), सुधा तिर्की (बड़ा घाघरा), सोनी लकड़ा (बड़ा घाघरा), सुखमणि (अरगोड़ा), निशी कच्छप (बिरसा चौक), गीता कच्छप (कुसई, बड़ा घाघरा), सोनी (पीपरटोली, अरगोड़ा), जुगनू (सिदरौल, नामकुम), पिंकी कुजूर (लोवाडीह) आदि शामिल थे।
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने अपने संबोधन में धर्मावलंबियों को केंद्रीय सरना स्थल का महत्व बताया। उन्होंने सरना स्थल को लेकर उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान की जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्षों में केंद्रीय सरना समिति ने सरना भवन के निर्माण कार्य को धरातल पर लाने का काम किया।
इस आयोजन को सफल बनाने में महासचिव संतोष तिर्की एवं कोषाध्यक्ष प्रकाश हंस का अहम योगदान रहा। इस अवसर पर पाहन रोहित हंस, मनीष पाहन, सुशीला कच्छप, किशोर लोहरा, रूपचन्द्र, मुन्ना उरांव, सचिन कच्छप, रोहित बाड़ा, रवि खलखो, झरिया उरांव, चंद्रदेव बालमुचू, चिलगु कच्छप, अजीत उरांव, राजेश लिंडा, प्रकाश उरांव, मन्नू तिग्गा, नवनीत उरांव सहित अन्य लोग भारी संख्या में उपस्थित थे।
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