रिम्स की व्यवस्था सुधारकर मरीजों की जेब कटने से बचाएं: संजय पोद्दार
अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन ने उठाई मांग
रांची: अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश सचिव संजय पोद्दार ने राज्य सरकार से रिम्स की व्यवस्था सुधारने की मांग करते हुए कहा है कि रिम्स की कई जांच मशीनें खराब पड़ी हैं और मरीजों को बाहर से जांच करवाने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। सालाना 450 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद रिम्स की व्यवस्था अत्यंत दयनीय हो गई है। परंतु इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि रिम्स झारखंड का एकमात्र ऐसा अस्पताल है, जो गरीब और मध्य वर्गीय परिवार को अच्छी स्वास्थ्य सेवा देने की क्षमता रखता है और इसी के लिए इसकी पहचान भी है। परंतु आज अव्यवस्था के कारण यहां आने वाले मरीजों की जेब कट रही है। यहां विभिन्न जांच के लिए रखी गई अधिकांश मशीनें कई महीनों से खराब पड़ी हैं।
संजय पोद्दार ने कहा कि रिम्स के ऊपर हर वर्ष 450 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद यहां की स्थिति बदहाल है। यहां अल्ट्रासाउंड और एमआरआई मशीन खराब होने के कारण मरीजों को यह जांच बाहर ऊंची कीमत चुकाकर करवानी पड़ रही है। यहां शवों को रखने के लिए शीतगृह का फ्रिज भी कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि रिम्स में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, परंतु बेड की स्थिति यथावत है। मरीज जमीन पर इलाज करवने के लिए विवश हैं। दवाओं की भी बुरी स्थिति है और रिम्स में इलाजरत मरीजों को अस्पताल की ओर से पूरी दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। यहां के चिकित्सक महंगी दवाइयां लिखते हैं और मरीजों को बाहर से ऊंची कीमतों पर वे दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं।
रिम्स में खोली गई जेनरिक दवा की दुकान का उल्लेख करते हुए संजय पोद्दार ने कहा कि जेनरिक दवा की दुकान होने के बावजूद रिम्स के चिकित्सक अपने प्रेस्क्रिप्शन में उन दवाओं का नाम नहीं लिखते, बल्कि महंगी दवाइयां लिखते हैं और मरीज मजबूरी में बाहर से महंगी दवाइयां खरीदकर लाते हैं।
उन्होंने कहा कि गरीब और मध्य वर्गीय परिवार के लोग अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए यहां आते हैं, परंतु वे यहां की व्यवस्था की मार से परेशान हैं। इस कारण रिम्स अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री से तत्काल इस विषय का संज्ञान लेकर रिम्स की व्यवस्था को ठीक करने पर जोर डालने की मांग भी की।
(स्रोत: विशेष मीडिया सर्विस - भारत)
-----------
बेजुबान: Voice of the Voiceless
Email ID: bejubaan@gmail.com
Mobile: +91 87091 91090
Comments
Post a Comment