मृत बच्चे को इलाजरत बताने के मामले में मुश्किल में रानी चिल्ड्रन अस्पताल
निदेशक डॉ. राजेश पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
रांची: मृत बच्चे को इलाजरत बताकर उसके परिजनों से 5 लाख रुपए वसूलने के मामले में रांची स्थित रानी चिल्ड्रन अस्पताल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में अस्पताल के निदेशक डॉ. राजेश कुमार की अग्रिम जमानत की याचिका को रांची जिला अदालत ने खारिज कर दिया है, जिसके बाद डॉ. राजेश कुमार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रानी चिल्ड्रन अस्पताल के निदेशक डॉ. राजेश कुमार की अग्रिम जमानत याचिका रांची जिला अदालत ने खारिज कर दी है। प्रकाश झा की अदालत में डॉ. राजेश कुमार द्वारा दाखिल की गई अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। धोखाधड़ी से जुड़े मामले में अदालत ने डॉ. राजेश को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है।
डॉ. राजेश के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने वाले पक्षकार की ओर से रांची जिला अदालत के अधिवक्ता अविनाश पांडेय ने अदालत में बहस की। बहस के दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल के बच्चे को रानी चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के क्रम में बच्चे की मौत हो गई, लेकिन उसके बावजूद मृत बच्चे को इलाजरत बताकर अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से 5 लाख रुपए के बिल का भुगतान कराया।
इस घटना को लेकर अस्पताल में काफी हंगामा भी हुआ था। जिसके बाद परिजनों के द्वारा अस्पताल प्रबंधन और डॉ. राजेश कुमार के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी में डॉ. राजेश और अस्पताल प्रबंधन पर ठगी सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अब रांची जिला अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद डॉ. राजेश कुमार की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं क्योंकि उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इसके साथ ही रानी चिल्ड्रन अस्पताल के नाम पर भी बट्टा लगना तय माना जा रहा है।
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