आदिवासियों को प्रताड़ित करना चाहती है भाजपा: कांग्रेस

भाजपा को जनजातीय समुदाय की नहीं, केवल राजनीति की चिंता: मुंजनी

कांग्रेस प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजनी ने लगाए भाजपा पर बड़े आरोप

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजनी ने भाजपा द्वारा 5 जून को आदिवासी महारैली मनाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा को जनजातीय समुदाय की चिंता नहीं है। इनको सिर्फ राजनीति कर इनका लाभ उठाना है।

उन्होंने कहा कि यदि इन्हें आदिवासियों की चिंता होती, तो महागठबंधन सरकार द्वारा 11 नवम्बर 2020 को विधानसभा से पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजे गए सरना कोड, जो झारखंड में जनजातीय समुदाय की वर्षों से लम्बित मांग रही है, को केंद्र में बैठी भाजपा सरकार जल्द से जल्द लागू करती।

श्री मुंजनी ने कहा कि भाजपा केवल दिखावा की राजनीति करती है। यदि भाजपा को आदिवासियों की चिंता होती तो भूमि अधिग्रहण कानून, एट्रोसिटी एक्ट, आरक्षण, छात्रवृति एवं वन अधिकार पट्टा में अपने शासनकाल के दौरान छेड़छाड़ नहीं करती। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि देश में एसटी और एससी समुदायों के खिलाफ अत्याचार का साल 2015 की तुलना में 2022 में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो केंद्र की मोदी सरकार की विफलता और आदिवासियों के प्रति हीन भावना को परिलक्षित करता है।

श्री मुंजनी ने कहा कि आदिवासी और दलितों पर भाजपा शासित राज्यों में अत्याचार में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। लाखों आदिवासी भूमिहीन हुए है। कांग्रेस पार्टी द्वारा यूपीए के शासन में सन् 2006 में वन अधिकार पट्टा कानून लाया गया था ताकि भूमि पर पीढ़ियों से खेती और संरक्षण कर रहे आदिवासियों को उनका हक मिल सके और इनको स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो। लेकिन आज भाजपा की सरकार अतिक्रमण का आरोप लगाकर इनसे जमीन छीनकर परियोजनाओं, कृषि के निगमीकरण के समानांतर मोदी सरकार ने निजी निगमों के लिए खुले उत्खनन के लिए खोल दिया है, विशेष रूप से मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों के जंगलों में और मोदी जी दावा कर रहे हैं कि यह भारत को और अधिक आत्मनिर्भर बना देगा। लेकिन देश में सबसे अधिक आत्मनिर्भर जनजातीय समुदायों के पास खोने के लिए सबसे अधिक है। जंगलों की कटाई, भूमि के खनन और पानी को प्रदूषित किया जा रहा है और जो आदिवासी इसका विरोध करते हैं, उन्हें बार-बार झूठा माओवादी या नक्सली या देशद्रोही का आरोप झूठे केस में फंसाया जाता है।

उन्होंने कहा कि आज कॉरपोरेट जगत केंद्र सरकार के संरक्षण में लोगों की जमीनों में घुसपैठ कर रहा है। पहाड़ों, जंगलों और नदियों को लूट रहा है। आज पूरे देश में आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक के नेता एवं सामाजिक व्यक्तियों को ईडी एवं सीबीआई जैसी एजेन्सी के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, बंधु तिर्की शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मांडर उपचुनाव की घोषणा होते ही आदिवासी नेता बंधु तिर्की के घर पर सीबीआई का छापा पड़ना यह दर्शाता है कि यह छापा राजनीति से प्रेरित है और भाजपा की मंशा जनजातीय समुदाय की चिंता करने की नहीं है, बल्कि इनको सिर्फ राजनीति रोटी सेंक कर इनका लाभ उठाना है। भाजपा केवल वोट की राजनीतिक के लिए आदिवासियों को जुटाना चाहती है, चूंकि आदिवासियों ने भाजपा को सिरे से नकार दिया है। भाजपा फिर से आदिवासियों का वोट लेकर रघुवर दास जैसे चेहरे को गद्दी सौंप कर आदिवासियों को प्रताड़ित करना चाहती है।

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