पूरे देश को आदिवासी राष्ट्र बनाने के लिए हाथ बढ़ाएं: गीताश्री उरांव
पूरे देश में आंदोलन तेज करने पर बनी सहमति
नई दिल्ली: अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद के तत्वाधान में गांधी पीस फाउंडेशन नई दिल्ली में काशी नाथ गौड़ की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक मे मुख्य रूप से 25 अप्रैल 2022 को आदिवासी धर्म कोड लागू करने हेतु किए गए धरना प्रदर्शन की समीक्षा और पूरे देश में संगठन को मजबूत बनाने और प्रत्येक प्रदेश में सम्मेलन करने के पर प्रमुखता से चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य रूप से अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव सहित विभिन्न आदिवासी धार्मिक अगुवा शामिल हुए। गीताश्री उरांव ने कहा कि पूरे देश को आदिवासी राष्ट्र बनाने के लिए हर प्रदेश में संगठन के ढाँचे को मजबूत करना होगा और आदिवासी धर्म को लागू करने के लिए पूरे देश में जन आंदोलन तेज करना होगा। यह हमारा अंतिम लड़ाई है, इसलिए संघर्ष जारी रखें।
बैठक संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महासचिव प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि पूरा देश अपने-अपने धर्म को लेकर के आंदोलनरत है। इसलिए आदिवासी समाज भी अपने धर्म और संस्कृति की पहचान के लिए पूरे देश में संगठन को मजबूत करेगा। संपूर्ण देश के आदिवासी प्राकृतिक पूजक हैं और आदिवासियों का इतिहास किसी भी समाज में नहीं है। आजाद भारत के बाद 70 वर्षों में आदिवासियों का धर्म कोड नहीं मिलना आदिवासी समाज के लिए एक कुठाराघात है और हमें अपने धर्म व संस्कृति से वंचित किया जा रहा है। इसलिए पुरजोर तरीके से आदिवासियों के बीच धार्मिक जागरूकता करने की आवश्यकता है।
इस बैठक को संबोधित करते हुए कार्य समिति सदस्य भुवन कोराम ने कहा कि आदिवासियों का धर्म कोड लेना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हमें धर्म की जनगणना में अन्य धर्म कॉलम में शामिल किया जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे भारतवर्ष में हम आदिवासी समाज प्राकृतिक पूजक हैं। धर्मकोड लागू करने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हमें राजनीतिक शक्ति एवं धार्मिक शक्ति से वंचित न किया जाए।
इस बैठक में दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास के प्रोफेसर ने कहा कि देश के आदिवासियों के हित के लिए धर्मकोड बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए समाज को संगठित होकर लड़ाई करने की आवश्यकता है और हर गांव में जाकर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
इस बैठक में सर्वसमिति से कई प्रस्ताव भी पारित किए गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद की अगली राष्ट्रीय बैठक 21 अगस्त 2022 को गांधी पीस फाउंडेशन न्यू दिल्ली में पुनः आयोजित की जाएगी। इसके पूर्व 5 जून 2022 को अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का प्रांतीय अधिवेशन उड़ीसा प्रदेश मयूरभंज जिले के प्रखंड बिसोई में आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश के सभी आदिवासी अगुवा शामिल होंगे।
निर्णय के अनुसार अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का आदिवासी धर्म सम्मेलन 26 जुलाई 2022 को गुजरात के दाहोद जिले में बुलाई गई है। बैठक के दौरान शिवपूजन कौल को परिषद का उत्तर प्रदेश प्रभारी और प्रवीण पारगी को गुजरात के संगठन का प्रभारी मनोनीत किया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पूरे देश में संगठन को मजबूती प्रदान के लिए अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम में भगवान कोराम (प्रदेश अध्यक्ष मध्य प्रदेश), मेघलाल मुंडा (झारखंड), प्रदीप भगत (सचिव दिल्ली, सरना समिति), प्रावीन पारगी (गुजरात), शिवपूजन कौल (उत्तर प्रदेश), सिदाम मुंडा (झारखंड), सचिन गौतम (दिल्ली) सहित कई अन्य लोगों ने अपनी बातें रखीं।
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