'केंद्र और राज्यों के बीच समाप्त हुआ आपसी विश्वास, अर्थव्यवस्था चरमराई'
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता आभा सिन्हा ने लगाए गंभीर आरोप
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था अत्यंत चिंताजनक हालत में पहुंच चुकी है, जिससे विकास की गति थम गई है। इस कारण चारों तरफ महंगाई एवं बेरोजगारी का माहौल व्याप्त हो चुका है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कांग्रेस शासित राज्यों से दूरी बना ली है, जिससे केंद्र और राज्यों के बीच परस्पर विश्वास पूरी तरह से टूट चुका है। देश के आर्थिक हालत बहुत खराब हो गए हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है।
आभा सिन्हा ने कहा कि देश के आर्थिक हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि उसे पटरी पर लाने के लिए नए सिरे से काम करने की जरूरत है। उनका कहना है कि सरकार आर्थिक हालत सुधारने के लिए विपक्ष को साथ लेकर चलने को तैयार नहीं है, लेकिन कांग्रेस अपने सुझावों के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार तथा लोगों को बदहाली की तरफ जाने से बचाने के लिए सरकार को हर स्तर पर सहयोग करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर लगातार घट रही है और सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई आसमान छू रही है। सरकार आर्थिक सुधारों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था की सेहत लगातार बिगड़ रही है।
आभा सिन्हा ने कहा कि देश में श्रमिक शक्ति हिस्सेदारी की दर ऐतिहासिक रूप से गिरकर 40.38 प्रतिशत के निचले स्तर पर है, जबकि बेरोजगारी की दर 7.83 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले सात माह के दौरान 22 अरब डॉलर देश से बाहर गए हैं और डॉलर के मुकाबले रुपया 77.48 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक स्तर पर देश की जो स्थिति है, उसमें सुधार लाने के लिए आर्थिक नीतियों पर नए सिरे से काम करने की जरूरत है। देश में गरीबी तेजी से बढ़ी है और वैश्विक भुखमरी के सूचकांक में भारत 116 देशों में 101 वें स्थान पर पहुंच गया है। देश के आर्थिक हालातों में सुधार लाने के लिए आर्थिक नीतियों में जलवायु परिवर्तन तथा बदली परिस्थितियों के अनुसार नए सिरे से काम करने की जरूरत है।
आभा सिन्हा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से लगातार देश की जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट आई है। 1947 के बाद से ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को कोई झुठला नहीं सकता। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी, 2017-18 में यह 7.2 फीसदी, 2018-19 में 6.1 फीसदी, 2019-20 में 4.2 फीसदी और 2020-21 में -7.3 फीसदी रही। यह आंकड़ा दर्शाता है कि देश का विकास किस ओर जा रहा है।
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