पल्स अस्पताल को तत्काल बंद करके सीज करें स्वास्थ्य मंत्री: प्रेम शाही मुंडा

'आदिवासी भुमिहरी जमीन पर अवैध तरीके से बना है पल्स अस्पताल'

करण लोहरा की मौत के बाद आदिवासी जन परिषद ने खोला मोर्चा

रांची: शनिवार को पल्स अस्पताल में इलाज के दौरान करण लोहरा नामक युवक की मौत के बाद आदिवासी जन परिषद ने अस्पताल के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने एक बयान जारी कर इस अस्पताल को अवैध बताते हुए इसे तत्काल सीज करने की मांग भी की है।

उन्होंने कहा कि रांची के बरियातू रोड स्थित पल्स अस्पताल आदिवासी भुमिहरी जमीन पर निर्मित है और इसका निर्माण अवैध तरीके से हुआ है। इसे तत्काल बंद करके सीज किया जाना चाहिए। इस जमीन का स्थानांतरण भी नियम और कानून के तहत नहीं किया गया है। इस अस्पताल में मरीजों को बस लूटा जाता है।

आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि इस अस्पताल में इलाज के नाम पर गरीबों का भयादोहन किया जाता है और मरीजों को मनमर्जी का बिल थमाकर उन्हें लूटा जाता है। उन्होंने कहा कि इस जमीन की वापसी के लिए आदिवासी जन परिषद का प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय आयोग से मुलाकात भी करेगा।

करण लोहरा की मौत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन परिजनों को शव देने से पहले पैसे की मांग पर अड़ा हुआ था। आखिरकार वे स्वयं वहां पहुंचे और साथ ही केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि वहां पहुंचे। हम सभी के हस्तक्षेप के बाद ही अस्पताल ने मृतक का शव ले जाने दिया।

प्रेम शाही मुंडा ने आरोप लगाया कि इस अस्पताल में न तो सरकार द्वारा जारी आयुष्मान भारत सहित किसी भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी सरकारी योजना का लाभ मिलता है और न ही गरीबों का उचित तरीके से इलाज हो पाता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से इस अस्पताल को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की।

(स्रोत: विशेष मीडिया सर्विस - भारत)

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