स्थानीय एवं नियोजन नीति पर हेमंत सोरेन की अपरिपक्वता उजागर: करमा उरांव

जून महीने से आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा अब बड़े आंदोलन की तैयारी में

आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा ने की महत्वपूर्ण बैठक

रांची: झारखंड की स्थानीय एवं नियोजन नीति के मुद्दे को लेकर आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एवं झारखंड विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी से मुलाकात करके उन्हें एक स्मार पत्र सौंपेगा। आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले रांची प्रेस क्लब में डॉ. करमा उरांव की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।

इस बैठक के दौरान झारखंड की स्थानीय एवं नियोजन नीति को लेकर विगत 19 अप्रैल को राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के साथ संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात पर भी चर्चा की गई ज्ञात हो कि उक्त मुलाकात के दौरान संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री को भी अपनी ओर से एक प्रतिवेदन सौंपा था।

मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित बैठक के दौरान संयुक्त मोर्चा की कोर कमिटी ने राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों के हितों की रक्षा एवं उनके लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदम ओ पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।

बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. करमा उरांव ने कहा कि वर्तमान सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन आदिवासियों और मूलवासियों से जुड़े इस ज्वलंत मुद्दे पर अब तक न तो सकारात्मक रुख दर्शा रहे हैं और न ही उचित निर्णय ले पा रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचायक है।

उन्होंने कहा कि एक युवा मुख्यमंत्री होने के बावजूद हेमंत सोरेन एक महत्वपूर्ण, निर्णायक और सकारात्मक अवसर का लाभ उठा पाने में चूक गए हैं। इस कारण राज्य हित में व्यापक रूप से बाधा उत्पन्न हो रही है। यह झारखंड के लिए दुर्भाग्य की बात है।

डॉ. करमा उरांव ने कहा कि इस समय राज्य में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों तथा शिक्षकों के पदों के लिए लगभग ढाई लाख रिक्तियां पड़ी हुई हैं। परंतु राज्य के शिक्षित युवा नियोजन तथा रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इन युवाओं को आशा की कोई किरण ही दिखाई नहीं दे रही। इस कारण राज्य में दुख का माहौल और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।

उन्होंने संयुक्त मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राजनैतिक इच्छाशक्ति एवं परिपक्वता दिखाते हुए राज्य हित में सही निर्णय लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार तत्काल इस विषय पर उचित कदम नहीं उठाती है, तो आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आगामी जून महीने के दौरान राज्य के सभी शीर्ष सामाजिक संगठनों, प्रबुद्ध नागरिकों, बुद्धिजीवियों एवं प्रमुख समाजसेवकों की एक विशाल बैठक आयोजित करके एक व्यापक आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

इस बैठक का संचालन अंतू तिर्की ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बलकू उरांव ने किया। बैठक के दौरान अंतू तिर्की, एलएम उरांव, शिवा कच्छप, संजय तिर्की, सुनील सिंह, लाल विभयनाथ शाहदेव, प्रवीण देवघरिया, बलकू उरांव, आजम अहमद, उमेश मुंडा, दिनेश उरांव, मंगल उरांव, किरण खलखो, मंटू साहू, योगेश प्रजापति, अजय मंडल सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

-----------

बेजुबान: Voice of the Voiceless
Email ID: bejubaan@gmail.com
Mobile: +91 87091 91090

Comments