बिजली की आंख-मिचौली से बच्चों की परीक्षा की तैयारी पर असर: गौतम सिंह

'गर्मी में बिजली की आवश्यकता अधिक होना कोई आपदा नहीं, सरकार ही तैयार नहीं थी'

आजसू के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने हेमंत सरकार पर किया कटाक्ष

रांची: अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने राज्य में चल रहे गंभीर बिजली संकट को लेकर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है और दूसरी ओर मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं चल रही हैं। इस नाजुक समय में हेमंत सरकार झारखंड के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

बिजली की आंख-मिचौली से बच्चों की परीक्षा की तैयारी पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी परेशान हैं। गर्मी के कारण रात में बच्चों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। इसका असर परीक्षा पर पड़ रहा है। इस महत्वपूर्ण समय में राज्य सरकार को बच्चों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करानी थीं, लेकिन इसके विपरीत सरकार की निष्क्रियता से बिजली की स्थिति बदतर हो गई है। न दिन में पूरी बिजली रहती है और न ही रात में।

गौतम सिंह ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य सरकार बिजली संकट का निवारण ही नहीं करना चाहती। जब बिजली को लेकर चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री, मंत्री और झामुमो के प्रवक्ता बयानबाजी कर रहे हैं। विडंबना तो यह है कि सभी की बातों और दलीलों में अंतर है। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री बच्चों की तरह बातें कर रहे हैं। बिजली संकट को कोविड और अचानक आई आपदा बता रहे हैं। सच तो यह है कि सरकार ने इस संकट से निपटने हेतु कोई कार्य-योजना ही नहीं बनाई थी।

उन्होंने कहा कि इससे यह साबित होता है कि जन समस्याओं को लेकर यह सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है। झामुमो महागठबंधन की सरकार न सिर्फ अपना मजाक उड़वा रही है, बल्कि इसने पूरे झारखंड को मजाक बना दिया है। एक ओर झारखंड की शान महेंद्र सिंह धोनी की धर्मपत्नी साक्षी सिंह ने ट्वीट कर जनता के द्वारा दिए गए टैक्स का हिसाब मांगा, तो दूसरी ओर जनता मीम, चुटकुले, सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सरकार का मजाक बना रही है।

गौतम सिंह ने कहा कि हेमंत सरकार ने ढाई वर्ष से ऊपर का समय पूर्ण कर लिया है और अब इस सरकार को बयानों के दौर से बाहर आकर जनमुद्दों को लेकर ईमानदार प्रयास करना चाहिए था। लेकिन हकीकत के धरातल पर देखा जाए, तो तस्वीर इसके उलट है। सरकार बस अपना समय व्यतीत कर रही है। राज्य के होनहार छात्रों एवं झारखंड के भविष्य के बारे में अगर सरकार संवेदनशील है, तो मुख्यमंत्री लिखित में जनता के बीच यह साझा करें कि बिजली व्यवस्था कितने दिनों में दुरुस्त हो जाएगी।

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